शनिवार, 17 अक्तूबर 2009

करइ मुदरसी, दुई जन खाँइ

करइ मुदरसी, दुई जन खाँइ
लड़िका होइ, ननियउरे जाँइ

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यह उस समय प्रयोग किया जाता था जब अध्यापको का वेतन बहुत कम हुआ करता था. अध्यापन (मुदरसी) करने से केवल दो जानो का ही पेट भर सकता है. इस लिए अध्यापकों के बच्चे अपनी ननिहाल में पाले जाते हैं.