शनिवार, 17 जनवरी 2009

होम करत हाथ जरइ: आज क् अवधी

१७-जनवरी-२००९
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होम करत हाथ जरइ
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दुसरे क् भलाई करइ में आपन नुकसान होइ जाब
(दूसरे की भलाई करने में अपना नुकसान हो जाना)

वाक्य में प्रयोग
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सीता मैया लक्ष्मन रेखा पार कइ के रावन रुपी भिखारी के दान देत रहिन, लेकुन रावनवा ओनकर अपहरण कई लिहेस. इही के कहि जात हऽ..होम करत हाथ जरइ !

टिप्पणी:
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आज क् अवधी के वाक्य प्रयोग हमइ बहुत सही नाइ लागत बाटइ. कृपा कइ के आप एकर क्उनो दूसर वाक्य में बढ़िया से प्रयोग कइ के बतावइँ. धन्यवाद.

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