शनिवार, 31 जनवरी 2009

लौधड़: आज क् अवधी

३१-जनवरी-२००९
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लौधड़
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फूहड़

वाक्य में प्रयोग
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फलाने क् नयकी पतोह एकदम लौधड़ बाटइ, कौनउ काज (काम) ठीक से नाइ कइ पावत.

टिप्पणी:
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आज क् अवधी क् प्रयोग हम बहुत कमइ सुने बाटी. आप के क्षेत्र में एकर प्रयोग कइ जात् ह कि नाहीं?
जरूर बतावइँ.

शुक्रवार, 23 जनवरी 2009

कोंहाइ जाब: आज क् अवधी

२३-जनवरी-२००९
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कोंहाइ जाब
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रिसियाइ जाब
(नाराज़ हो जान, गुस्सा होना)

वाक्य में प्रयोग
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एनहूँ बिना कुछ खरीदि ल, नाही त् कोंहाइ जइहँइ.

टिप्पणी:
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कोंहाइ जाइ क् पता तब चलत हऽ जब केउ मलगोब्बा काढि लेत हऽ. मलगोब्बा काढइ क् मतलब आप इहाँ पढि सकथेन.

सोमवार, 19 जनवरी 2009

एक त् तित-लौकी दुसरे नीम चढी: आज क् अवधी

१९-जनवरी-२००९
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एक त् तित-लौकी दुसरे नीम चढी
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करेला, ऊपर से नीम चढा.

वाक्य में प्रयोग
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संजय दत्त अउर स.पा. क् उम्मीदवार, एका कहि जात हऽ एक त् तित-लौकी दुसरे नीम चढी !

टिप्पणी:
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आज क् अवधी क वाक्य प्रयोग, आप क् राजनैतिक पूर्वाग्रह से प्रेरित लागि सकत हऽ. आप से ई बात क क्षमा चाहित हऽ.
आप एकर क्उनो दूसर वाक्य में बढ़िया प्रयोग कइ के बतावइँ. धन्यवाद.

शनिवार, 17 जनवरी 2009

होम करत हाथ जरइ: आज क् अवधी

१७-जनवरी-२००९
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होम करत हाथ जरइ
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दुसरे क् भलाई करइ में आपन नुकसान होइ जाब
(दूसरे की भलाई करने में अपना नुकसान हो जाना)

वाक्य में प्रयोग
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सीता मैया लक्ष्मन रेखा पार कइ के रावन रुपी भिखारी के दान देत रहिन, लेकुन रावनवा ओनकर अपहरण कई लिहेस. इही के कहि जात हऽ..होम करत हाथ जरइ !

टिप्पणी:
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आज क् अवधी के वाक्य प्रयोग हमइ बहुत सही नाइ लागत बाटइ. कृपा कइ के आप एकर क्उनो दूसर वाक्य में बढ़िया से प्रयोग कइ के बतावइँ. धन्यवाद.

सोमवार, 12 जनवरी 2009

कयथनी क् डोला: आज क् अवधी

१२-जनवरी-२००९: आज क् अवधी
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कयथनी क् डोला
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देर से आवइ या देर करइ के सन्दर्भ में

वाक्य में प्रयोग
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अपनी माँई से कहऽ की जल्दी से तैयार होंई नाही त् गाड़ी छुटि जाए, कयथनी क् डोला भइ हइन !

टिप्पणी:
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ई कहावत क जनम बहुतइ मजेदार बाटइ. हमइ अपनी माँई से ई बात पता चली कि गाँउ-देश में अक्सर 'कायस्थ' समाज के बियाहे में बरात (डोला) बहुत देर से आवत हई. 'कयथनी क् डोला' क् प्रयोग देर करइ के सन्दर्भ में बस इही परम्परा से शुरू होइ गइ.

कइसन लाग आज क् अवधी, जरूर बतावइँ.

विशेष:
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१. कुछ हिन्दी कहावते येहाँ पर भी पढ़ें.

२. हिन्दी कहावतों का एक संकलन आंग्ला भाषा में येहाँ पर पढ़ें .

रविवार, 11 जनवरी 2009

भिनसार: आज क् अवधी

११-जनवरी-२००९: आज क् अवधी
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भिनसार
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सुबह, सवेरे

वाक्य में प्रयोग
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काल भिनसारेन से गोहूँ क् कटाई होए, जल्दी उठि जायऽ.
(कल सुबह से ही गेहूं की कटाई होगी, जल्दी उठ जाना.)

टिप्पणी:
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एही के नायि एक शब्द अउर बाटइ, "भेन्नही". एकर प्रयोग ई वाक्य में समझ में आए ; "भेन्नही होई गई, उठि जा."
आपके क्षेत्र में 'सुबह' बिना कउन शब्द बोलि जात हऽ? जरूर बतावइँ.

विशेष:
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नए वर्ष की सुबह, गोविन्द माथुर की एक कविता अनुभूति के सौजन्य से.

शुक्रवार, 9 जनवरी 2009

घुस्कऽ: आज क् अवधी

९-जनवरी-२००९: आज क् अवधी
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घुस्कऽ
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सरकि जा.
(सरक जाइये.)

वाक्य में प्रयोग
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ओहर घुस्कऽ, हमहूँ के बैठइ द.
(उधर सरकिए, मुझे भी बैठने दीजिये)

टिप्पणी:
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ई शब्द अब बहुत कम बोलि जात हऽ.
का ई आप के गाउँ-देश में आज-काल प्रयोग कइ जात हऽ?
जरूर बतावइँ.

गुरुवार, 8 जनवरी 2009

मेहरारू: आज क् अवधी

०८-जनवरी-२००९: आज क् अवधी
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मेहरारू
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महिला, पत्नी

वाक्य में प्रयोग
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१. महिला के सन्दर्भ में:
हमरे गाउँ के पंचायत में ग्राम प्रधानी मेहरारुन बिना आरक्षित बाटइ.
(मेरे गाँव में ग्राम प्रधान की पदवी महिलाओं के लिए आरक्षित है.)

२. पत्नी के सन्दर्भ में:
फलाने क् मेहरारू बड़ी गुनादारिन बाटइ. जब से एनकर बियाह भ बाटइ, पूरे घरे क् नक्शा बदल दिहे बाटइ.

टिप्पणी:
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मनसेधू क् बारे में लिखइ के बाद, मेहरारू क् बारे में अगर न लिखबइ त् हमरे घरे में हमार खैर नाइ! इहइ सोचि के आज क् अवधी प्रस्तुत करत बाटी. आपन टिप्पणी जरूर करइँ.

मंगलवार, 6 जनवरी 2009

मनसेधू: आज क् अवधी

०६-जनवरी-२००९: आज क् अवधी
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मनसेधू
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पुरूष या पति


वाक्य में प्रयोग
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१. पुरूष के सन्दर्भ में:
हमरे गाँउ में नाऊ के दुकानी पे खाली मंसेधून क बार बनइ जात हऽ, लेकुन इहाँ शहर में देखऽ सबका बिना अलगे-अलगे दूकान बनी बाटै.

२. पति के सन्दर्भ में:
ओनकर मनसेधू बम्मई ग बाटेन, कमाइ बिना. हर महीनवइ रुपिया भेजथेन.

टिप्पणी:
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ई शब्द क प्रयोग हिन्दी क दुसरउ बोलीं में कइ जात हऽ.
आप के ई शब्द कइसन लाग, आपन टिपण्णी कइ के जरूर बतावऽ.

२००९ आप सबके शुभ होइ !

हमरी ओर से आप सबके अंग्रेज़ी नया साल क ढेर के शुभकामना.
आप सब बिना ई नया साल मंगलमय रहइ.